वाजपेयी: कुछ कविताएँ, कुछ यादें
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मेरा पहला सामना अस्सी के दशक में पंजाब के संगरूर जिले के छोटे से शहर धूरी में एक इंटर कॉलेज भाषण प्रतियोगिता में हुआ। वह उस समय विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के नेता थे। वह मुख्य अतिथि थे और मैं प्रतियोगी। उस अवसर पर अपने भाषण में उन्होंने अपनी एक लोकप्रिय कविता सुनाई। “हिंदू तन-मन, हिंदू जीवन, रग-रग हिंदू मेरा परिचउस समय मैं यह तो जानता था कि हिंदू धर्म क्या है पर मुझे यह पता नहीं था कि हिंदुत्व क्या है, जो शब्द मेरे खयाल से बाद में अस्तित्व में आया।
https://www.indianewsstream.com/hindi/art-and-literature/vajpayee-some-poems-some-memories/
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मेरा पहला सामना अस्सी के दशक में पंजाब के संगरूर जिले के छोटे से शहर धूरी में एक इंटर कॉलेज भाषण प्रतियोगिता में हुआ। वह उस समय विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के नेता थे। वह मुख्य अतिथि थे और मैं प्रतियोगी। उस अवसर पर अपने भाषण में उन्होंने अपनी एक लोकप्रिय कविता सुनाई। “हिंदू तन-मन, हिंदू जीवन, रग-रग हिंदू मेरा परिचउस समय मैं यह तो जानता था कि हिंदू धर्म क्या है पर मुझे यह पता नहीं था कि हिंदुत्व क्या है, जो शब्द मेरे खयाल से बाद में अस्तित्व में आया।
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वाजपेयी: कुछ कविताएँ, कुछ यादें
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मेरा पहला सामना अस्सी के दशक में पंजाब के संगरूर जिले के छोटे से शहर धूरी में एक इंटर कॉलेज भाषण प्रतियोगिता में हुआ। वह उस समय विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के नेता थे। वह मुख्य अतिथि थे और मैं प्रतियोगी। उस अवसर पर अपने भाषण में उन्होंने अपनी एक लोकप्रिय कविता सुनाई। “हिंदू तन-मन, हिंदू जीवन, रग-रग हिंदू मेरा परिचउस समय मैं यह तो जानता था कि हिंदू धर्म क्या है पर मुझे यह पता नहीं था कि हिंदुत्व क्या है, जो शब्द मेरे खयाल से बाद में अस्तित्व में आया।
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