Bhagavad Gita Part 91: आपके कर्मों के फल का सृजन कौन करता है? क्या ईश्वर की है कोई भूमिका
भगवद्गीता के पिछले लेख में आपने पढ़ा कि, जो देहधारी जीव आत्मनियंत्रित एवं निरासक्त होते हैं, नौ द्वार वाले भौतिक शरीर में भी वे सुखपूर्वक रहते हैं। विस्तार भगवद्गीता के पिछले लेख में आपने पढ़ा कि, जो देहधारी जीव आत्मनियंत्रित एवं निरासक्त होते हैं, नौ द्वार वाले भौतिक शरीर में भी वे सुखपूर्वक रहते हैं। न कर्तृत्वं न कर्माणि लोकस्य सृजति प्रभुः , न कमर्फलसंयोगं स्वभावस्तु प्रवर्तते (अध्याय 5...
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