Bhagavad Gita Part 86: कर्मयोगी और कर्मसंन्यासी, क्या ये दोनों अलग है? श्री कृष्ण ने दिया ये सुन्दर जवाब
भगवद्गीता के पिछले लेख में आपने पढ़ा कि, कृष्ण ने अर्जुन को समझाते हुए कहा कि कर्मयोगी को कर्म संन्यासी से उत्तम माना गया है। आगे कृष्ण बोले, विस्तार भगवद्गीता के पिछले लेख में आपने पढ़ा कि, कृष्ण ने अर्जुन को समझाते हुए कहा कि कर्मयोगी को कर्म संन्यासी से उत्तम माना गया है। आगे कृष्ण बोले, ज्ञेयः स नित्यसंन्यासी यो न द्वेष्टि न काङ्क्षति। निर्द्वन्द्वो हि महाबाहो सुखं बन्धात्प्रमुच्यते (...
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