Shardiya Navratri 2024: मां दुर्गा को भूलकर भी न चढ़ाएं ये चीजें
नवरात्रि का पर्व माँ दुर्गा की पूजा-अर्चना का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। भक्तगण नौ दिनों तक माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों की आराधना करते हैं और उन्हें अपनी भक्ति से प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। लेकिन पूजा करते समय हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि देवी को चढ़ाए जाने वाली सामग्री विशेष होनी चाहिए। कुछ ऐसी वस्तुएं हैं जिन्हें माँ दुर्गा की पूजा में भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए, क्योंकि इसका नकारात्मक प्रभाव हो सकता है।
1. तुलसी के पत्ते
तुलसी के पत्ते हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र माने जाते हैं, और ये भगवान विष्णु को प्रिय हैं। लेकिन माँ दुर्गा की पूजा में तुलसी के पत्तों का उपयोग नहीं करना चाहिए। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी देवी ने एक बार माँ दुर्गा के रूप काली को श्राप दिया था। इसलिए, माँ दुर्गा की पूजा में तुलसी के पत्तों को वर्जित माना जाता है।
2. खंडित या टूटी हुई चीजें
माँ दुर्गा की पूजा में खंडित या टूटी हुई वस्तुओं का उपयोग अशुभ माना जाता है। अगर आप पूजा में खंडित मूर्ति, टूटी माला या फटी हुई चुनरी चढ़ाते हैं, तो इससे पूजा का सकारात्मक प्रभाव नहीं होता और माँ दुर्गा अप्रसन्न हो सकती हैं। इसलिए पूजा सामग्री पूरी और साफ-सुथरी होनी चाहिए।
3. मांसाहार या मदिरा
माँ दुर्गा की पूजा शुद्धता और सात्विकता का प्रतीक है। नवरात्रि के दौरान मांसाहार, मदिरा, लहसुन और प्याज का सेवन तो वर्जित है ही, इन चीजों को देवी की पूजा में चढ़ाना भी पूर्णतया निषेध है। माँ दुर्गा की आराधना में केवल शुद्ध और सात्विक चीजों का ही प्रयोग किया जाना चाहिए। इन वस्तुओं को चढ़ाने से देवी का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता।
4. टूटे चावल
पूजा में अक्षत यानी साबुत चावल का बहुत महत्व है, लेकिन यदि आप माँ दुर्गा की पूजा में टूटे हुए चावल (खंडित अक्षत) चढ़ाते हैं, तो इसे अशुभ माना जाता है। चावल पूर्णता और समृद्धि का प्रतीक होते हैं, इसलिए हमेशा साबुत चावल ही चढ़ाएं।
5. बासी फूल या फल
माँ दुर्गा की पूजा में ताजे फूल और फल चढ़ाने चाहिए। बासी या मुरझाए हुए फूल और फल माँ को नहीं चढ़ाए जाते। बासी चीजें नकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं, जिससे पूजा का प्रभाव कम हो जाता है। इसलिए माँ दुर्गा की आराधना में ताजगी और पवित्रता का ध्यान रखना जरूरी है।
6. काले रंग की वस्त्र या सामग्री
माँ दुर्गा की पूजा में काले रंग का प्रयोग वर्जित माना जाता है। काला रंग नकारात्मकता और अंधकार का प्रतीक होता है, जबकि माँ दुर्गा का पूजन शुभता और प्रकाश का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए पूजा में लाल, पीले और सफेद रंगों का अधिक उपयोग किया जाता है, जो देवी को प्रिय हैं।
निष्कर्ष
नवरात्रि का पावन पर्व माँ दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का समय होता है। इस दौरान की गई पूजा में शुद्धता और सही सामग्री का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इन वर्जित चीजों को माँ दुर्गा को चढ़ाने से बचें और उन्हें प्रेम, श्रद्धा और सही पूजा सामग्री अर्पित करें ताकि देवी की कृपा सदैव बनी रहे।
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