Vibhishan: विभीषण ने दिया था भगवान श्री राम का साथ, फिर भी क्यों कहा जाता है उन्हें घर का भेदी
विभीषण को "घर का भेदी" कहे जाने का कारण उनकी भूमिका और निर्णयों से जुड़ा है, जो उन्होंने रामायण के युद्ध के दौरान लिए थे। विभीषण, रावण के छोटे भाई थे और राक्षस कुल में जन्मे होने के बावजूद, उनका स्वभाव और सोच रावण से बिल्कुल अलग था। वे धर्म, सत्य, और न्याय के मार्ग पर चलने में विश्वास रखते थे।
विभीषण को घर का भेदी क्यों कहा जाता है?
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रावण के गलत निर्णय के खिलाफ विभीषण का खड़ा होना: जब रावण ने सीता का अपहरण किया और उसे वापस लौटाने से इंकार कर दिया, तब विभीषण ने रावण को बार-बार समझाने की कोशिश की कि उसे सीता को भगवान राम को लौटा देना चाहिए। लेकिन रावण ने उनकी सलाह को नजरअंदाज कर दिया और विभीषण का अपमान किया।
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विभीषण का रावण का साथ छोड़ना: जब विभीषण ने देखा कि रावण अपने अहंकार के कारण विनाश के रास्ते पर है, तो उन्होंने रावण का साथ छोड़ दिया और भगवान राम की शरण में चले गए। इस निर्णय को उनके परिवार और राक्षस समाज ने धोखा माना, क्योंकि उन्होंने अपने भाई और अपने कुल का साथ छोड़ दिया था। इसलिए उन्हें "घर का भेदी" कहा गया।
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राम की सेना को महत्वपूर्ण जानकारी देना: विभीषण ने रावण की सेना और लंका के गुप्त रहस्यों की जानकारी भगवान राम और उनकी सेना को दी। उन्होंने राम को बताया कि रावण को किस प्रकार पराजित किया जा सकता है, जिससे अंततः राम की विजय हुई। इसी कारण विभीषण को घर का भेदी माना जाता है, क्योंकि उन्होंने अपने ही परिवार और राष्ट्र के खिलाफ जाकर राम का साथ दिया।
धर्म का पालन करने वाला
हालांकि, विभीषण ने रावण का साथ छोड़कर भगवान राम का साथ दिया, लेकिन उन्होंने धर्म और सत्य का पालन किया। उनका निर्णय किसी व्यक्तिगत स्वार्थ या द्वेष से नहीं, बल्कि न्याय और धर्म की रक्षा के लिए था। उन्होंने सत्य और धर्म का साथ दिया, भले ही इसके लिए उन्हें अपने परिवार और समाज से विरोध सहना पड़ा।
इस प्रकार, विभीषण को "घर का भेदी" कहा जाना उन लोगों की सोच है जो उनके परिवार से जुड़े थे, जबकि उनके कृत्य धर्म और सत्य के अनुसार थे।
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