Famous Devi Temples In Delhi: दिल्ली के प्रसिद्ध देवी मंदिर जहां होती है सभी भक्तों की मुरादें पूरी
शारदीय नवरात्रि का पांचवा दिन: देवी स्कंदमाता की पूजा का महत्व
नवरात्रि का पांचवां दिन देवी स्कंदमाता की पूजा को समर्पित है। देवी स्कंदमाता, भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता हैं और उनकी पूजा से भक्तों को विशेष रूप से संतान सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन देवी के रूप में मातृत्व और शक्ति का अद्वितीय संगम होता है। जो भी भक्त श्रद्धा से देवी की पूजा करता है, उसे शांति और आध्यात्मिक उन्नति का वरदान मिलता है।
देवी स्कंदमाता का रंग
नवरात्रि के पांचवें दिन का रंग सफेद होता है, जो शांति, पवित्रता और सादगी का प्रतीक है। सफेद वस्त्र धारण करके देवी की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। इस रंग के माध्यम से भक्त अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाते हैं और मानसिक शांति प्राप्त करते हैं।
पूजा विधि (Skandamata Puja Vidhi)
देवी स्कंदमाता की पूजा विधि अत्यंत सरल और पवित्र होती है। इस दिन पूजा के दौरान निम्नलिखित विधियों का पालन करना चाहिए:
- स्नान और शुद्धता: पूजा से पहले स्नान कर साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल और स्वयं की शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।
- मूर्ति या चित्र: देवी स्कंदमाता की मूर्ति या चित्र को साफ स्थान पर रखें और उसे फूल, चंदन और कपड़े से सजाएं।
- पूजन सामग्री: देवी की पूजा में धूप, दीप, चावल, रोली, अक्षत, और सफेद फूलों का उपयोग करें। इसके साथ देवी को सफेद मिठाई और फल अर्पित करें।
- आरती: पूजा के बाद देवी की आरती करें और संपूर्ण श्रद्धा से प्रार्थना करें। आरती के बाद प्रसाद बांटें और भक्तों को आशीर्वाद दें।
शुभ मुहूर्त (Auspicious Timings)
नवरात्रि के पांचवे दिन देवी स्कंदमाता की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना आवश्यक है। शुभ मुहूर्त में पूजा करने से देवी की कृपा अधिक मिलती है। इस वर्ष 2024 में स्कंदमाता पूजा का शुभ मुहूर्त है:
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:45 बजे से 12:35 बजे तक।
- ब्राह्म मुहूर्त: सुबह 4:30 बजे से 6:00 बजे तक।
- विजय मुहूर्त: दोपहर 2:30 बजे से 3:30 बजे तक।
इन मुहूर्तों के दौरान देवी की पूजा करना विशेष फलदायी होता है।
स्कंदमाता का विशेष मंत्र (Skandamata Mantra)
देवी स्कंदमाता की पूजा के दौरान मंत्रों का उच्चारण करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। मंत्र जप से मन की शुद्धि और भक्त को आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। स्कंदमाता का मुख्य मंत्र निम्नलिखित है:
मंत्र:
"ॐ देवी स्कंदमातायै नमः"
इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए। इससे व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है।
स्कंदमाता को भोग (Offerings to Skandamata)
देवी स्कंदमाता को विशेष रूप से सफेद रंग के खाद्य पदार्थों का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है। इस दिन आप उन्हें निम्नलिखित भोग अर्पित कर सकते हैं:
- खीर: सफेद रंग की खीर देवी को अति प्रिय होती है। इसे घी और मिश्री से बनाएं और शुद्धता का ध्यान रखें।
- नारियल: देवी को ताजे नारियल का भोग लगाएं।
- मिष्ठान्न: सफेद मिष्ठान्न, जैसे बर्फी या पेड़े का भोग अर्पित करना अत्यंत शुभ होता है।
भोग अर्पण के बाद इसे भक्तों में प्रसाद के रूप में वितरित करें।
देवी स्कंदमाता की कृपा और आशीर्वाद
देवी स्कंदमाता की पूजा करने से भक्तों को विशेष रूप से संतान सुख का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा, देवी अपने भक्तों को मानसिक शांति, स्वास्थ्य, और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। जिन दंपत्तियों को संतान की प्राप्ति की कामना होती है, उन्हें इस दिन देवी की पूजा विशेष रूप से करनी चाहिए।
देवी स्कंदमाता को स्नेह और श्रद्धा से पूजने से व्यक्ति को अपनी बाधाओं से मुक्ति मिलती है और वह अपने जीवन में सकारात्मकता का अनुभव करता है। इस दिन देवी की कृपा से भक्तों को सभी सांसारिक कष्टों से छुटकारा मिलता है और जीवन में सुख-शांति का प्रवेश होता है।
निष्कर्ष:
शारदीय नवरात्रि के पांचवे दिन देवी स्कंदमाता की पूजा से व्यक्ति को आध्यात्मिक ऊर्जा और संतुलन प्राप्त होता है। इस दिन सफेद रंग धारण कर, मंत्रों का जाप कर, और विधिपूर्वक पूजा कर देवी का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। इस पवित्र अवसर पर देवी की आराधना से न केवल भक्तों को शांति और समृद्धि मिलती है, बल्कि उन्हें अपने जीवन में हर क्षेत्र में सफलता का मार्ग भी प्राप्त होता है।
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