Magh Navratri: अघोरियों के लिए खास है नवरात्रि, जानें तंत्र साधना का महत्व Magh Navratri: सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। नवरात्रि के दौरान देवी के 9 रूपों की पूजा की जाती है और 9 दिनों तक व्रत रखा जाता है। साल में कुल 4 नवरात्रि होती हैं

Magh Navratri: सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। नवरात्रि के दौरान देवी के 9 रूपों की पूजा की जाती है और 9 दिनों तक व्रत रखा जाता है। साल में कुल 4 नवरात्रि होती हैं, जिनमें से 2 गुप्त नवरात्रि, एक चैत्र नवरात्रि और दूसरी शारदीय नवरात्रि होती है। चैत्र और शारदीय नवरात्रि के बारे में तो लगभग सभी लोग जानते हैं, लेकिन इसके अलावा माघ और आषाढ़ माह में भी दो नवरात्रि आती हैं, जिन्हें "गुप्त नवरात्रि" के नाम से जाना जाता है। इस बार हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास की गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी से शुरू हो रही है।
गुप्त नवरात्रि के दौरान तांत्रिक गुप्त रूप से पूजा-अर्चना कर अपने मंत्रों की सिद्धि करते हैं। इसी कारण से इसे गुप्त यानी छुपी हुई नवरात्रि कहा जाता है। अयोध्या के ज्योतिषाचार्य पं. कल्कि राम का कहना है कि यह नवरात्रि तंत्र साधना के लिए बहुत उपयुक्त मानी जाती है। इसके अलावा इन नवरात्रि में तंत्र साधना का भी महत्व होता है और इस दौरान विशेष मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मान्यता है कि इस दौरान मां दुर्गा का प्रसाद बांटने से सफलता मिलती है।
 
गुप्त नवरात्रि क्या है?
साल में चार नवरात्रि आती हैं, जिनमें से चैत्र और आश्विन माह की नवरात्रि को सभी भक्त बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। इस दौरान सभी अपने घरों में हरियाली बोते हैं और अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन के साथ अपना व्रत समाप्त करते हैं। लेकिन इसके अलावा साल में दो और नवरात्रि आती हैं, जिन्हें गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।
 
गुप्त नवरात्रि में तंत्र पूजा का महत्व
पंडित कल्कि राम बताते हैं कि सामान्य नवरात्रि में सात्विक और तांत्रिक दोनों तरह की पूजा की जाती है लेकिन गुप्त नवरात्रि में ज्यादातर तंत्र की पूजा की जाती है और आमतौर पर इसका ज्यादा प्रचार-प्रसार नहीं किया जाता है। तंत्र विद्या और सिद्धि प्राप्त अघोरियों के लिए इसका विशेष महत्व है। तंत्र-मंत्र और सिद्धि पाने के लिए अघोरी गुप्त नवरात्रि के दौरान विशेष साधना करते हैं। इस दौरान 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। यही कारण है कि इन नवरात्रों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।
 
गुप्त नवरात्रि केवल तांत्रिक विद्या के लिए नहीं है
चैत्र और शारदीय नवरात्रि की तुलना में गुप्त नवरात्रि में देवी की पूजा करना अधिक कठिन होता है। इस पूजा में मानसिक पूजा प्रमुख होती है और पाठ गुप्त होता है। वह बताते हैं कि ऐसा नहीं है कि गुप्त नवरात्रि सिर्फ तांत्रिक विद्या के लिए है, इसे कोई भी कर सकता है। दुर्गा सप्तशती में वर्णित है कि नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा का प्रसाद बांटने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।